
एक तरफ लोग नौकरी के लिए लगातार एजेंसी और कार्यालय का चक्कर लगा रहे है। लेकिन उन्हें उनके इच्छानुसार कोई भी नौकरी नहीं मिल पा रहा है। अगर कोई मिल भी रहा है तो कई प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जबकि कुछ लोग तो कम पैसे और दूसरे प्रोफाइल में जा कर नौकरी कर रहे है। उसके बाद उन्हें हमेशा नौकरी खोने का डर लगा रहता है। जिसमें अधिक बेरोजगारी के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
वहीं, हाल के महीनों में भारत में कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों का छंटनी किया है। जिसको लेकर कई जगहों अपर विरोध प्रदर्शन भी किया गया है। लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल सका है। खासकर, प्रौद्योगिकी (IT), ई-कॉमर्स, और स्टार्टअप क्षेत्रों में सबसे अधिक छंटनी देखी गई है। साथ ही मीडिया क्षेत्रों में भी देखा गया है। जो शिक्षित बेरोजगार और कार्यरत कर्मचारियों के लिए चिंताजनक है। इसका प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी हो सकता है। इस बढ़ती महंगाई में युवाओं को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
चलिए जानते हैं छंटनी (layoffs) का मुख्य कारण क्या है?
छंटनी (layoffs)का मुख्य कारण अधिकांश कंपनियों का यह होता है कि कम लागत पर अधिक लाभ प्राप्त करना है। इसके साथ ही वैश्विक आर्थिक मंदी भी शामिल होती है। वहीं, स्टार्टअप कंपनियों में निवेशकों के द्वारा वित्त पोषण में कमी होने के कारण कंपनियां छंटनी (layoffs) करने पर मजबूर हो रही हैं ताकि उनकी खर्च कम हो सके।
इसके साथ ही लगातार बढ़ते बेरोजगारी के कारण युवक कम पैसों पर भी काम करना शुरू कर देते हैं। जिसके कारण पहले से अधिक आय पर काम कर रहे युवाओं को कंपनी के द्वारा निष्कासित कर दिया जाता है। जिससे युवाओं में कौशल की कमी भी हो रही है। क्योंकि अधिक वेतन वाले कुशल कर्मचारियों को कंपनी के द्वारा खर्च कम करने के कारण उन्हें कंपनी से निकाल दिया जा रहा है।
AI का हो रहा गहरा प्रभाव
वर्तमान समय में छंटनी (layoffs) का मुख्य कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भी है। जो घंटों का काम मिनट में कर रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण सिर्फ़ भारत ही नहीं दुनिया भर में नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। वर्तमान समय में गौर किया जाए तो AI के कारण कंपनियों में होने वाले छंटनी (layoffs) पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
जिससे कंपनियों को अपने कर्मचारियों की संख्या कम करना पड़ रहा है। दरअसल, AI के कारण कम कर्मचारियों के साथ भी अधिक काम हो रही है इसके साथ ही लागत में भी कमी हो रही है जिसके कारण कंपनी के लिए लाभदायक साबित हो रही है।
सरकार को देना होगा ध्यान
दुनिया के साथ साथ भारतीय कंपनियों में छंटनी (layoffs) का होना एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। इसको लेकर सरकार और कंपनियां दोनों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। सरकार के द्वारा अधिक से अधिक विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार देने का कार्य करना पड़ेगा। इसके साथ ही कांट्रैक्ट के आधार पर भी हर क्षेत्र में कार्य उपलब्ध कराने होंगे ताकि बेरोजगारी कम हो सके और छंटनी (layoffs) का काम भी कम हो सकेगा। इसके साथ ही युवाओं में कौशल की वृद्धि होगी।
हालांकि सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार के योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन इसके माध्यम से बेहतर सुधार नहीं हो पा रहा है। जिसको लेकर विभिन्न प्रकार के प्राइवेट कंपनियों और सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार की नीतियां बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
दुनिया भर में छंटनी (layoffs) एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है जिसके कारण युवाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण युवा निजी समस्या से परेशान होकर गलत रास्ते पर भी चलना शुरू कर रहे हैं। इसको लेकर सरकार, कंपनी और कुशल कर्मचारियों के साथ मिलकर नीति बनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही AI के माध्यम से जो समस्या उत्पन्न हो रही है उसे भी कम करने की आवश्यकता है।
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